उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अब परमाणु बम बनाने की जगह अपने देश को अकाल से निकालने की कोशिश में जुटे हैं। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण उत्तर कोरिया की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। इस कारण आधी से ज्यादा आबादी को खाने के लाले पड़ रहे हैं। किम जोंग ने इस साल की शुरुआत में ही चेतावनी देते हुए कहा था कि उत्तर कोरिया 1994-1998 की आपदा के बराबर अकाल का सामना कर सकता है। इस अकाल में 35 लाख लोगों की मौत हुई थी।
उत्तर कोरिया में गहरा रहा खाद्यान संकट
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया में जैसे-जैसे खाद्यान संकट गहरा रहा है, वैसे-वैसे किम जोंग उन अपनी नीतियों को सेना से हटाकर नागरिकों पर शिफ्ट कर रहे हैं। गुरुवार को उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने किम जोंग उन की अपने परिवार के मकबरे पर कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फोटो जारी की थी। किम के साथ पहली पंक्ति में खड़े सभी लोग सामान्य कपड़े पहने हुए हैं, जबकि सैन्य वर्दी वाले अधिकारी पीछे खड़े हैं।
फोटो से खुली किम की प्राथमिकता की पोल
उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक हथियार कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण शख्स री प्योंग चोल किम जोंग-उन से कई पंक्ति पीछे खड़ा दिखाई दे रहा है। उसने भी अपनी सामान्य सैन्य वर्दी के बजाय नागरिक कपड़े पहन रखे थे। इससे अटकलें लगाई जा रही है कि री प्योंग चोल को उत्तर कोरिया के गवर्निंग पोलित ब्यूरो प्रेसिडियम से हटा दिया गया है।
विशेषज्ञ ने भी इस दावे का किया समर्थन
वॉशिंगटन डीसी स्थित कैन थिंक टैंक में उत्तर कोरिया मामलों के विशेषज्ञ केन गॉज ने डेली मेल से बात करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि अब इस देश में सेना को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आंतरिक रूप से किम जोंग उन का ध्यान अर्थव्यवस्था पर है, परमाणु कार्यक्रम पर नहीं। अब उत्तर कोरियाई सेना को देश के वरीयता क्रम में नीचे कर दिया गया है।
कोरोना वायरस रोकथाम को लेकर अधिकारियों से नाराज है किम
पिछले हफ्ते किम जोंग-उन ने गवर्निंग वर्कर्स पार्टी की बैठक के दौरान उत्तर कोरिया के कुछ शीर्ष अधिकारियों पर गुस्से का इजहार किया था। उन्होंने दावा किया कि पार्टी अपने नेतृत्व के बीच पुरानी गैरजिम्मेदारी और अक्षमता से पीड़ित है। किम ने इसे देश की सुरक्षा के लिए बड़ा संकट बताते हुए गंभीर घटना करार दिया। किम ने विशेष रूप से कोरोना वायरस रोकथाम की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में निष्क्रियता के लिए अपने अधीनस्थों की आलोचना की।
उत्तर कोरिया ने आजतक जारी नहीं किया कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा
आधिकारिक तौर पर उत्तर कोरिया ने अभी तक एक भी कोरोनावायरस मामले की रिपोर्ट नहीं की है। फिर भी इस देशपर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का दावा है कि आंतरिक यात्रा प्रतिबंध लागू होने के बाद उत्तर कोरिया में कोरोना का प्रकोप बढ़ रहै है। जब कोरोना महामारी शुरू हुई तो प्योंगयांग ने तस्करों को रोकते हुए चीन से लगी सीमा पर नाटकीय रूप से सुरक्षा बढ़ा दी थी।
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