इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए मनी लांड्रिंग के मामलों में नए नियम बनाएगा। कड़ी शर्तो के पालन के लिए ऐसे मामलों की सुनवाई की प्रक्रिया में भी बदलाव होंगे।
पाकिस्तान को मनी लांड्रिंग और आतंकवाद को वित्तीय मदद देने पर पेरिस में केंद्रित वैश्विक निगरानी संस्था एफएटीएफ ने वर्ष 2018 से ग्रे सूची में डाला हुआ है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इन बदलावों से मामले की जांच एक एजेंसी से दूसरी एजेंसी को देने में आसानी होगी। साथ ही एंटी-मनी लांड्रिंग के मामलों को पुलिस से लेकर प्रांतीय भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते या ऐसी ही किसी अन्य जांच एजेंसी को दिया जा सकेगा। इस बात की मंजूरी कुछ दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में दी गई है।
नए कदम उठाए जाने के प्रभाव पर विचार करते हुए एफएटीएफ जून के दूसरे हफ्ते से शुरू होने जा रही कई समीक्षा बैठकों में पाकिस्तान की स्थिति की समीक्षा करेगा। एफएटीएफ का अगला सत्र 21 से 25 जून तक है।
हाफिज सईद के पांच गुर्गों पर कसा गया था शिकंजा
बता दें कि पिछले महीने पाकिस्तान ने फाइनेंस एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की काली सूची में जाने से बचने के लिए लश्कर संस्थापक हाफिज सईद पर मजबूरी में शिकंजा कसा था। पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद पर सीधी कार्रवाई के बजाय उसके पांच गुर्गों को घेरे में लिया था। इन सभी को आतंकरोधी अदालत ने आंतकी फडिंग केस में नौ-नौ साल की सजा सुनाई गई थी। उनकी संपत्ति जब्त करने के भी आदेश दिये गए थे।
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